पहले अंबेडकर की मूर्ति लगाने पर झगड़ा हुआ, फिर मंदिर में प्रवेश पर बवाल, खूब पत्थरबाजी हुई

 

खरगोन के मंदिर में प्रवेश को लेकर विवाद


मध्य प्रदेश के खरगोन में दो मंदिरों में कथित रूप से दलितों के प्रवेश को लेकर विवाद हुआ. विवाद इतना बढ़ा एक जगह पत्थरबाजी भी हो गई. पुलिस ने 100 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. पहला मामला खरगोन के छपरा गांव का है. महाशिवरात्रि के मौके पर गांव के दलित समुदाय के लोग पूजा करने मंदिर पहुंच थे. आरोप है कि दूसरी जातियों के कुछ लोगों ने उन्हें मंदिर में जाने से रोक दिया. इसी पर विवाद शुरू हो गया. पुलिस ने बताया कि दोनों तरफ से पत्थरबाजी की गई है.


घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, छपरा गांव में दोनों पक्षों के बीच विवाद दो दिन पहले शुरू हुआ था. दलित समुदाय के लोग मंदिर के नजदीक डॉ भीम राव आंबेडकर की मूर्ति लगाने वाले थे. इसके लिए उन्होंने एक पेड़ काटा था. विवाद बढ़ा तो पुलिस और दूसरे अधिकारी भी पहुंचे थे. बीच-बचाव के बाद मामला शांत कराया गया.


हालांकि पुलिस ने दलित समुदाय के कुछ लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने बताया कि दूसरे पक्ष के रविंद्र राव मराठा ने शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में कहा गया कि प्रेमलाल और अन्य लोगों ने हथियारों और पत्थरों से हमला किया. इस पर पुलिस ने 33 आरोपियों और 25 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.



दलित समुदाय के लोगों ने 18 फरवरी को फिर से आरोप लगाया कि उन्हें मंदिर में प्रवेश से रोका गया. लोगों ने मारपीट का भी आरोप लगाया.  प्रेमलाल नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. आरोप लगाया कि उनके समाज की लड़कियों को मंदिर में जाने से रोका गया और विवाद बढ़ने पर पिटाई की गई. इस शिकायत पर पुलिस ने 17 नामजद लोगों और 25 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार रोकथाम कानून की धाराएं भी लगाई गई हैं.

दूसरा मामला खरगोन के कासरावद थाना क्षेत्र का है. पुलिस के मुताबिक, यहां एक दलित महिला ने शिकायत की थी कि उसे मंदिर में जाने से रोका जा रहा है. बाद में पुलिस की सुरक्षा मिलने पर उसे मंदिर में जाने दिया गया. कुछ महिलाओं पर आरोप लगा कि उन्होंने जातिसूचक गालियां भी दी. हालांकि इस जगह कोई हिंसा नहीं हुई. पुलिस ने इस मामले में IPC और SC/ST एक्ट के तहत चार महिलाओं और एक पुरुष के खिलाफ केस दर्ज किया है.


 

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